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निगम आयुक्त सहित जिला कलेक्टर व पुलिस अधीक्षक महोदय ने छठ घाट की तैयारियों का लिया जायजा ,पाटलिपुत्र संस्कृति विकास मंच के अध्यक्ष डॉक्टर धर्मेंद्र दास ने कहा आयोजन की भव्यता को लेकर समिति दृढ़ संकल्पित

जिला कलेक्टर व पुलिस अधीक्षक महोदय ने छठ घाट की तैयारीयो का लिया जायजा,

पाटलिपुत्र संस्कृति विकास मंच के अध्यक्ष डॉक्टर धर्मेंद्र दास ने कहा आयोजन की भव्यता को लेकर समिति दृढ़ संकल्पित

बिलासपुर के छठ घाट में आगामी दिनों में आयोजित होने वाले छठ महापर्व की तैयारी की समीक्षा के लिए रविवार सुबह कलेक्टर , एसपी, निगम आयुक्त और अन्य अधिकारी छठ घाट पहुंचे, जिन्होंने समिति को पूर्ण सहयोग का वचन दिया।

दीपावली संपन्न होते ही अब छठ महापर्व की तैयारी आरंभ हो चुकी है। कभी इसे बिहार, झारखंड और उत्तर प्रदेश का पर्व माना जाता था लेकिन अब संपूर्ण उत्तर भारत में इसे पूर्ण श्रद्धा भक्ति के साथ मनाया जाता है, जिसमें छत्तीसगढ़ भी सम्मिलित हो चुका है। बिलासपुर का तो यह सौभाग्य है कि यहां तोरवा छठ घाट में विश्व का सबसे बड़ा स्थाई छठ घाट मौजूद है, जहां विगत 24 वर्षों से पाटलिपुत्र संस्कृति विकास मंच, भोजपुरी समाज और सहजानंद समाज द्वारा संयुक्त रूप से छठ महोत्सव का आयोजन किया जा रहा है। इस वर्ष का आयोजन 5 से 8 नवंबर तक होना है, जिसकी तैयारी आरंभ हो चुकी है । समिति द्वारा प्रशासन की मदद से नदी और घाट की सफाई लगभग पूरी कर ली गई है। निगम प्रशासन ने पूरे घाट में प्रकाश की व्यवस्था की है। शाम होते ही घाट दूधिया रोशनी से नहा रहा है। हर वर्ष छठ महापर्व पर 50 हजार से अधिक लोग पहुंचते हैं, इसलिए पार्किंग एक बड़ी समस्या बन जाती है। प्रशासन के सहयोग से बृहद पार्किंग स्थल तैयार किया जा रहा है, साथ ही हर बार अर्घ्य के बाद एक साथ लोग घरों की ओर लौटते हैं इसलिए जाम की स्थिति लगती है। उससे निपटने के लिए भी पुलिस प्रशासन और यातायात विभाग से मदद मांगी गई है। रविवार को आयोजन समिति के साथ समीक्षा बैठक के लिए कलेक्टर अवनीश शरण, एसपी रजनेश सिंह, निगम आयुक्त अमित कुमार विभागीय अधिकारियों के साथ पहुंचे, जिन्होंने आयोजन समिति की मांगों पर सहमति देते हुए संबंधित अधिकारियों को तैयारी पूर्ण करने के निर्देश दिया।

पाटलिपुत्र संस्कृत के अध्यक्ष डॉक्टर धर्मेंद्र दास ने कहा कि कार्यक्रम की भव्यता को लेकर समिति दृढ़ संकल्पि संकल्पित है हर बार की तरह ही इस बार भी छठ पूजा से जुड़े समस्त सामाजिक संगठन तन मन धन से लगातार अपना सहयोग दे रहे हैं भारत का स्थाई सबसे बड़ा छठ घाट होने का जो गौरव इस छठ घाट को प्राप्त है उसकी गरिमा के अनुरूप हीआयोजन हो इसका पूरा ख्याल रखा जा रहा है

इस वर्ष 5 नवंबर को नहाय खाय के साथ आयोजन का आरंभ होगा। 5 नवंबर संध्या अरपा मैय्या की महा आरती की जाएगी। साथ ही अरपा नदी में 7000 से अधिक दीप दान किए जाएंगे। अगले दिन खरना का प्रसाद तैयार किया जाएगा। 7 नवंबर संध्या अस्ताचलगामी सूर्य देव को अर्घ्य दिया जाएगा और 8 नवंबर सुबह उदय होते सूर्य देव को अर्घ देने के साथ आयोजन का समापन होगा। में छठ महोत्सव की अपनी ही महिमा है। 7 नवंबर को इसके लिए शासकीय अवकाश भी है। इस दिन तोरवा छठ घाट में 60 से 70 हजार लोगों के पहुंचने की उम्मीद है, जिन्हें किसी प्रकार की कोई असुविधा न हो यह प्रयास छठ पूजा समिति द्वारा किया जा रहा है। जिन्होंने काफी दिन पहले से ही अपने स्तर पर घाट की सफाई, पार्किंग आदि की व्यवस्था आरंभ कर दी थी। समिति ने पूर्ण सहयोग के लिए जिला और पुलिस प्रशासन का आभार जताया l

आगामी छठ महोत्सव के लिए तोरवा छठ घाट पूरी तरह से तैयार हो चुका है। पूरा घाट शाम होते ही जगमगाने लगता है। अरपा नदी का जलस्तर भी अपने चरम पर है। आने वाले दिनों में यहां घाट पर मेंला भी लगेगा, जिसकी तैयारी अंतिम चरणों में है।

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