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अंबिकापुर सराफा एसोसिएशन के चुनाव को छत्तीसगढ़ सराफा एसोसिएशन ने किया अमान्य,अध्यक्ष कमल सोनी ने कहा छतीसगढ़ सराफा एसोसिएशन एक ही क्षेत्र में दो संघों को सदस्यता नहीं दे सकती है।

अम्बिकापुर सराफा संघ की एकता एवं संगठन के लिये छत्तीसगढ़ सराफा एसोसिएशन आगे आया अम्बिकापुर सराफा एसोसिएशन लम्बे समय से सराफा व्यापारियों के मतभेदों के कारण दो गुटों का दंश झेल रहा है तथा विगत एक माह से चले आ रहे अम्बिकापुर सराफा एसोसिएशन के निवार्चन जो कि प्रेम, सौहार्द्र, एकता एवं संगठन को परित्याग कर आपसी मतभेदों को हवा देते हुए अनैतिक तरिके से एक गुट द्वारा निर्वाचन करने का प्रयास किया जा रहा था. इस संबंध में दूसरे गुट द्वारा छत्तीसगढ़ सराफा एसोसिएशन रायपुर को लिखित पत्र के माध्यम से शिकायत प्रस्तुत किया गया।

छत्तीसगढ़ सराफा एसोसिएशन के नव निर्वाचित पदाधिकारियों ने प्रदेश चुनाव में आश्वासन दिया था कि, अम्बिकापुर एसोसिएशन के गुटों को विलय कर सभी सदस्यों में आपसी सौहार्द्रता के लिये कार्य करेगी, अपने आश्वासन को पूर्ण करने हेतु छत्तीसगढ़ सराफा एसोसिएशन के अध्यक्ष कमल सोनी, महासचिव प्रकाश गोलछा एवं कोषाध्यक्ष हर्षवर्धन जैन द्वारा पत्राचार के माध्यम से दोनों गुटों को सुझाव देते हुए अंबिकापुर सराफा एसोसिएशन को एकता एवं अखण्डता बनाए रखकर सभी सदस्यों को चुनाव में शामिल कर सर्वसम्मति से निष्पक्ष एवं पारदर्शी चुनाव कराने को निवेदन किया। चूंकि अम्बिकापुर सराफा संघ छत्तीसगढ़ सराफा एसोसिएशन का सदस्य होने के नाते एसोसिएशन का गुटों में विभाजन एवं चुनाव कितीसगढ़ सराफा एसोसिएशन को स्वीकार नहीं है।

किन्तु छत्तीसगढ़ सराफा ए शन के निवेदन एवं सुझाव को दरकिनार करते हुए अम्बिकापुर सराफा एसोसिएशन के एक गुट द्वारा चुनाव सम्पादित कर पदाधिकारियों का चयन कर लिया गया,

जो कि छत्तीसगढ़ सराफा एसोसिएशन के निवदेन एवं न्यायिक निर्देशों का उल्लघन एवं मान का हनन है तथा संघ के विघटनकारी प्रक्रिया है। ऐसे में

अम्बिकापुर में दुसरे संघ का गठन होना संभव है, जो उचित नहीं है और न ही छतीसगढ़ सराफा एसोसिएशन एक ही क्षेत्र में दो संघों को सदस्यता दे सकती है।

इस स्थिति में छत्तीसगढ़ सराफा एसोसिएशन अपने अधिकारों का उपयोग करते हुए अंबिकापुर सराफा एसोसिएशन के एक गुट द्वारा पक्षपातपूर्ण रवैये से दिनाँक 28.12. 2024 को सम्पादित चुनाव को अमान्य घोषित कर दोनों गुटों से निवेदन करते हुए पूनः सुझाव दिया गया है, कि संरक्षकगण, वरिष्ठ सराफा व्यापारियों एवं छतीसगढ़ सराफा एसोसिएशन के निगरानी में अंबिकापुर सराफा संघ के सभी सराफा व्यापारियों को एकत्रित एवं संगठित कर सर्वसम्मति से पूनर्निर्वाचन कराया जाए।

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